True love shayari
आफतें आने वाली है वो उठने वाले है,
रात क़ायनात क़ैद कर ली थी, उन्होंने पलकों में।
क्यों ठहर जाती है नज़र तुम पे, आखिर तुम मेरे लगते क्या हो?
क्यों सिर्फ तुम्हारी तलब, आखिर तुम मेरे लगते क्या हो?
क्यों एक ही शख्स को हम ज़माना मान बैठे,
ये दिल को क्या परेशानी है, आखिर तुम मेरे लगते क्या हो?
तेरा गुस्सा, तेरी बेरुखी, तेरी नाराज़गी एक बार को चलो सह भी ले,
पर तेरी नज़र-अंदाज़ी से हम मर क्यों जाते है, आखिर तुम मेरे लगते क्या हो,
और ये ज़ख्म भी हमे हर ख़ज़ाने से अजीज़ रहेगा ‘Abhishek’,
हीर- रांझे से पूछ रही है, आखिर तुम मेरे लगते क्या हो?
उसके कंगन की आवाज़ अब भी मेरे कानो में आती है,
वो आती नहीं पास मेरे मेरी शरारतें पता है उसे,
पर तरकीबे मैं जानता हूँ सारी,
वो बस बहानो में आती है,
कि दूर रह कर भी रोज़ का आना जाना रहता है,
थकती नहीं है आने में वो ख़्यालों में आती है,
और बड़ी मुश्किल से मैं किसी का एहसान लेता हूँ,
ज़रिया हवा का है वजह मैं देता हूँ,
उसे मालूम है मेरी सांसें पास उसके है,
भेजती है वो जो सांसें वो हवाओ में आती है,
बेवक़ूफ़ है जो पूछते है मुझसे उसका नाम,
मेरे लफ्ज़ो को तो सुनो समझो वो मेरी बातो में आती है।
फ़क़त मोहब्बत में ही होता है ये हक़ म्यूज़िकल अभी,
वो उसके घर में भी लगती है अमानत मेरी,
उस पे मोहब्बत का लम्हा-लम्हा सजा दिया मैंने,
ख़ुदा कहता है लाजवाब है सजावट मेरी,
अब आईने की गुलामी ख़त्म हुई यारो,
उसकी आँखों से क्या साफ़ नज़र आती है बनावट मेरी।
मशहूर है वो अपनी अदाओं के लिए,
जान ज़ोख़िम में डालकर उसका दीदार मैं करूँगा,
गुलाब की तारीफ आखिर लोगो ने क्यों बंद की है,
बात करते वक़्त उसके होंठों पे गौर मैं करूँगा,
चाँद भी शिकायत रोज़ खुदा से यूँ ही ना करता होगा,
बे-दाग खूबसूरती को सलाम बार-बार मैं करूँगा,
मरते मर जाऊ तो मर जाऊ, तो फिर मर ही जाऊ,
मरते मर जाऊ तो मर जाऊ, तो फिर मर ही जाऊ,
पर उसकी कही हर बात पे एतबार मैं करूँगा,
वो पाक दिल वाली मासूम सी परी है ‘Abhishek’,
चाहे वो करे ना करे,
चाहे वो करे ना करे,
मैं करता हूँ,उससे प्यार मैं करूँगा।
Must Read